Sambodhi App Sambodhi App         +91-8742004849     books@jvbharati.org

Jain Vishva Bharati Online Book Store

Book Detail

Author: Acharya Mahashraman
Category: Pravachan Sahitya
Released: 2014
Language: Hindi
Pages: 112
120 (Inclusive all of Taxes)
Qty:


Want Help to Place Order?
  Call Back
Out Of Stock


जो भी घटना घटित हो उसे केवल देखना सीखें उसके साथ जुड़े नहीं। जो व्यक्ति घटना के साथ खुद को जोड़ देता है वह दुःखी बन जाता है और जो केवल द्रष्टाभाव से घटना को देखता है, वह दुःख मुक्त रहता है। जो व्यक्ति अतीत की स्मृति में उलझा रहता है या भविष्य की कल्पना के मधुर सपने देखता है वर्तमान उसके हाथ से छूट जाता है। वह जीवन में दुःख का अनुभव करता है। वह जीवनशैली प्रशस्त होती है जो अनावेश से प्रभावित हो अनासक्ति और अनाग्रह से युक्त हो। इन तीनों से जीवन की बगिया लहलहा उठती है और आदमी का जीवन सरस और सुखी बन जाता है।
Customer Reviews