दर्शन शास्त्र पर आधारित एक छोटी सी पुस्तिका जिसे गागर में सागर भी कहा जा सकता है। दर्शन शास्त्र के बढते अपेक्षा के युग में इस पुस्तक का अपना महत्व और उपयोगिता है। छोटा-बड़ा, ज्ञानी-अज्ञानी, सन्यासी, आम व्यक्ति इस लिपि का गंभीरता से अध्ययन करे और अपने अज्ञानता का आवरण हटा सकें तो एक बड़ी उपलब्धि हासिल होगी।