आवश्यकता थी एक ऐसी कृति कि जिसमें प्रायः हर विषय से संबंधित गीतों का समावेश किया जा सके। धम्म जागरणा कृति के माध्यम से सामूहिक रूप से गीतों का संज्ञान, भक्ति की उत्कृष्टता तक ले जाने का मार्ग है। स्तुति-आराधना करने के लिए अपनी एक प्रति को जैन विश्व भारती के माध्यम से सुरक्षित करें।