अध्यात्म साधना का अंतिम लक्ष्य है - निर्वाण। विभिन्न धर्म-दर्शनों में निर्वाण के समान तथ्यों को खोजा जा सकता है। भगवान महावीर एवं गौतम बुद्ध ने वर्षो तक साधना कर निर्वाण के रहस्यों को प्राप्त किया और जनता को दिखाया-निर्वाण का मार्ग। आचार्यश्री महाश्रमणजी एक ऐसे प्रवचनकार हैं, जिन्हें पंथ और ग्रन्थ की सीमाएं बांध नहीं सकती। आचार्यश्री महाश्रमणजी ने जैन आगमो के साथ-साथ श्रीमद्भगवतगीता और धम्मपद पर भी सैंकड़ों प्रवचन किए है। जैनागम उत्तराध्ययन और बौद्ध धम्मपद पर आधारित आचार्यश्री की प्रवचनमाला के चुनिंदा मोतियों से निर्मित प्रस्तुत पुस्तक को पढकर पाठक वर्ग परमसुख का पथ प्राप्त कर सकता है।