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Book Detail

Author: Acharya Mahapragya
Category: Vichar Sahitya
Released: 2003
Language: Hindi
Pages: 185
40 (Inclusive all of Taxes)
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मनुष्य चिरकाल से संग्रह का प्रेमी है। वह बिखरे को बढ़ोर लेता है और फूलों को माला बना देता है। प्रस्तुत पुस्तक आचार्यश्री महाप्रज्ञ के कुछेक गद्यगीतों व लघु निबंधों का संकलन है।
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