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Book Detail

Anekant Hai Teesara Netr (अनेकान्त है तीसरा नेत्र)

Author: Acharya Mahapragya
Category: Darshan Sahitya
Released: 2014
Language: Hindi
Pages: 162
80 (Inclusive all of Taxes)
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अनेकान्त का चक्षु वस्तु-जगत् के स्थूय और सूक्ष्म-दोनों पर्यायों या परिवर्तनों को जानने की सर्वोत्तम दार्शनिक प्रणाली है। इस प्रणाली के द्वारा अनाग्रह का विकास किया जा सकता है, विवादों को सुलझाया जा सकता है और संघर्ष की चिंगारियों को शांत कर अततः विश्वशति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
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