हर व्यक्ति अपना विकास चाहता है और अच्छा बनना चाहता है। परन्तु प्रश्न है-व्यक्तित्व का विकास कैसे हो ? वह र्कान-सी प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकता है ? वह कौनसा बिन्दु है जहां व्यक्ति अपना रूपान्तरण कर सकता है, व्यक्ति के विकास और रूपान्तरण की प्रक्रिया है-ग्रंथि तंत्र के शोधन की प्रक्रिया चैतन्यकेन्द्र प्रेक्षा।