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Mahapragya Vaangmay-049 (Kisne Kaha Mann Chanchal Hai) (महाप्रज्ञ वांग्मय-049 (किसने कहा मन चंचल है))

Author: Acharya Mahapragya
Category: Mahapragya Vangmay
Released: 2019
Language: Hindi
Pages: 0
350 (Inclusive all of Taxes)
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मन चंचल नहीं है। उसको चंचल कहना एक अनुश्रुति मात्र है। हम गहरे में उतरकर देखें तो ज्ञात होगा कि चंचलता मन की नहीं है। सारी चंचलता है ध्वनि की, शब्द की और भाषा की। चित्त की वास्तविकता को जाने बिना मन की वास्तविकता जानी नहीं जा सकती। हम अपने चित्त की परिक्रमा कैसे कर सकते हैं ? तथा अपने मन को कैसे समझ सकते हैं को जानने के लिए जानने के लिए पढ़े आचार्यश्री महाप्रज्ञ की महत्वपूर्ण कृति किसने कहा मन चंचल है ?
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