आचार्य तुलसी का व्यक्तित्व विरोधी युगलों से जटिल व्यक्तित्व है। सूर्य जैसा प्रखर तेजस्वी और चांद से भी अधिक सौम्य- दोनों ही कोणों से उसे देखा जा सकता है। धार्मिक जगत के इतिहास में वह इन शताब्दियों का एक दुर्लभ व्यक्तित्व है। आचार्यश्री की जीवन गाथा भारतीय चेतना का एक अभिनव उन्मेष है। पुरूषार्थ की इतिहास परम्परा में इतने बड़े पुरूषार्थी पुरूष का उदाहरण कम ही है, जो अपनी सुख-सुविधाओं को गौण मानकर जन-कल्याण के लिए जीवन जीए।