Sambodhi App Sambodhi App         +91-8742004849     books@jvbharati.org

Jain Vishva Bharati Online Book Store

Book Detail

Mahapragya Vaangmay-104 (Saarthakata Manushya Hone Ki) (महाप्रज्ञ वांग्मय-104 (सार्थकता मनुष्य होने कीं))

Author: Acharya Mahapragya
Category: Mahapragya Vangmay
Released: 2019
Language: Hindi
Pages: 304
350 (Inclusive all of Taxes)
Qty:


Want Help to Place Order?
  Call Back
Out Of Stock


विवेक चेतना और नीति-चेतना को जागृत करने के लिए प्रस्तुत पुस्तक में उन्नीस श्लोक के आधार पर कुछ वक्तव्य दिए गए हैं। उनसे जीवन मूल्यों की पगडंडियां खोजी जा सकती है। प्रत्येक पगडंडी का मनुष्य को जीवन की सार्थकता तक पहुंचा सकती है।
Customer Reviews