प्रस्तुुत पुस्तक में शरीर प्रेक्षा की चर्चा कुछ विस्तार से की गई है। यदि हम यह कल्पना करे कि शरीर और श्वास को समझे बिना, प्राणाधारा को जाने बिना तथा सूक्ष्म और अतिसूक्ष्म शरीर के रहस्यों को ज्ञात किए बिना ही आत्मा तक पहुंच जाएंगे तो यह अतिकल्पना होगी। शरीर प्रेक्षा के द्वारा ही शरीर को समझा जा सकता है।