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Book Detail

Main Hun Apne Bhagya Ka Nirmaata (मैं हूं अपने भाग्य का निर्माता)

Author: Acharya Mahapragya
Category: Jain Darshan Sahitya
Released: 2016
Language: Hindi
Pages: 270
140 (Inclusive all of Taxes)
Qty:


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अपने उत्तरदायित्व का अनुभव करनो अपने भाग्य का निर्माण करना है। दायित्व के प्रति जागरुक होना अपने भाग्य का निर्माण करना है। प्रस्तुत पुस्तक में उसी दिशा में की ओर प्रस्थान का प्रयत्न है।
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